बलात्कार *( हल क्या है *)
अख़बार भर गए हैं, डिबेट गरम है, फेसबुक वॉट्सएप ट्विटर वॉल पर पोस्ट की सूनामी आयी हुई है । तमाम नेता और स्वयं सेवक जागरूक हो गए हैं । नेताओं की दांडी यात्रा शुरु हो गई है । सियासत की चौसर बिछ चुकी है और समाधान के नाम पर आरोप प्रत्यारोप की अंगीठी गरम है ।
आखिर हमारे देश में बलात्कार की बढ़ती हुई तादाद और दुस्साहस के पीछे कारण क्या है । आप सारे बुद्धिजीवी लोगों के नजदीक इस जघन्य अपराध पर लगाम कैसे लगाई जा सकती है
मेरा जवाब और सुझाव तो कुछ यूं है =
चंद आंसू चंद नारे मोमबत्ती के जुलूस /
क्या इसी से कातिलों पे बंदिशें लग जाती हैं।।
बंद क्यों करते नहीं कानून की वो खिड़कियां।
आक्सीजन जुर्म को जिस रास्ते मिल जाती है।।
आप क्या कहते हैं ।